Dr Yashआपने अक्सर सुना होगा कि कोई वृद्ध व्यक्ति बाथरूम गए और गिरने के कारण उनका कूलहे  के आस पास फ्रैक्चर हो गया और वह उठ नहीं पाए और दर्द के कारण करहाते  रहे लेकिन अक्सर होता इसका उल्टा है होता यह हैं कि कमज़ोर होने के कारण हड्डी टूट जाती है और व्यक्ति गिर जाता है न कि गिरने के कारण हड्डी टूटती है कई बार तो अगर आप ध्यान से उनसे बात करें तो वो आपको बताएंगे कि पिछले 5 सात दिनों से मेरे कूल्हे के आस पास कुछ दर्द हो रही थी फिर अचानक ये हादसा हो गया

बहरहाल चाहे हड्डी कमज़ोर होने के कारण टूटे और व्यक्ति गिरे या गिरने के कारण हड्डी टूटे इलाज दोनों का जल्द से जल्द करना बहुत ज़रूरी है इससे पहले कि हम बात करें कि इलाज जल्दी  करना क्यों ज़रूरी है और क्या इलाज करना चाहिए , हम पहले समझ लें की इस जगह पर हड्डी क्यों कमज़ोर हो जाती है क्यों अपने आप इसका फ्रैक्चर हो सकता है

हम जानते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ , हमारे हड्डियों के बनाने में जो प्रोटीन की रेशे होते हैं , वह पतले होने शुरू हो जाते हैं और हड्डी को कमज़ोर कर देते हैं किस मात्रा में ये कमज़ोर हुए , इसे अब तो  bone density नापने वाले यंत्र से नापा भी जा सकता है । यदि इसकी मात्रा कम हों तो इसे आसटियोपीनिया( osteopenia) कहते हैं । यदि यह मात्रा एक दिये हुए मापदंड से भी ज़्यादा कम हो जाए तो इसे ऑस्टियोपोरोसिस , (osteoporosis ) कहते हैं । यानी कि अगर T – स्कोर माइनस  2.5 ( -2.5)से भी कम हो जाए तो इसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं

इसी प्रकार विटामिन D की कमी भी हड्डियों को कमज़ोर कर सकती है। कई बार तो शरीर में कहीं और कैंसर होने के कारण जब वह फैलता है , तो वह कूल्हे की हड्डी में आकर जम जाता है और उसे बुरी तरह से कमज़ोर कर देता है और व्यक्ति को अचानक फ्रैक्चर हो सकता है या उससे पहले लगातार दर्द रह सकती है

एक कहावत है कि जीवन का नाम चलना है और चलना ही जीवन है। वृद्ध व्यक्तियों  के संदर्भ में तो यह और भी ज़्यादा सच है , क्योंकि यदि वृद्ध व्यक्ति यदि कुछ दिन भी बिस्तर में पड़ जाए तो भयानक  जटिलतायें एवम् पेचीदगीयां आ सकती है कई बार तो यह जानलेवा भी हो सकती है इनमें महत्वपूर्ण है  बेड सोर ( bed sore) थरामबोसिस( Thrombosis) यानी की टाँगों की धमनियों में खून जम जाना , निमोनिया , इत्यादी

बेड सोर ( Bed Sore)

कूलहे का फ्रैक्चर हो जाने के कारण वृद्ध व्यक्ति न करवट ले सकते है , न खड़े हो सकता है , न बैठ बैठ सकता है और एक ही जगह पर पड़े रहने के कारण कूलहे के पीछे की चमड़ी छिलनी शुरू हो जाती है और यदि जल्द से जल्द ही इसका ध्यान रखा जाए और व्यक्ति खड़ा न हो तो यह बहुत गहरा ज़ख़्म या गहरा बेड सोर बन जाता है। इससे न केवल  कूलहे के आस पास बल्कि शरीर के बाक़ी भागों में भी इन्फेक्शन फैल सकता है और इसके होते ऑपरेशन करना भी संभव नहीं हो पाता

थरोमबोसिस( Thrombisis)

हमारे टांगों की मांसपेशियां एक प्रकार से पंप का काम करती है और वे टांगों की धमनियों में खून को रुकने नहीं देती और खून को  दिल की ओर वापस भेजती रहती है । लेकिन यदि व्यक्ति बिस्तर पर पड़ जाए तो इस क्रिया में ख़लल आ जाता है और खून टांगों की धमनियों यानी की वेन्स ( veins) के अंदर जमना शुरू हो जाता है जिसे डीप वेन थ्रोम्बोसिस ( deep vein thrombosis) भी कहते हैं । यह न केवल टांगों में सूजन और दर्द करता है  बल्कि कई बार जमा हुआ खून का टुकड़ा ( Thrombus – थरोमबस) वहाँ से सीधा दिल में जाकर बैठ जाता है और अचानक से दिल की गति को रोक देता है जिससे व्यक्ति की  अचानक मृत्यु हो सकती है    (  इसे पलमोनरी एमबेलिजम Pulmonary Embolism कहते हैं)

नयूमेनिया( pneumonia)

यदि कोई भी व्यक्ति,  विशेष कर वृद्ध व्यक्ति लंबे समय के लिए बिस्तर पकड़ ले तो उसकी साँस की क्रिया में मुश्किल आनी शुरू हो जाती है और फेफड़े के पीछे की तरफ़ बलगम जमा होनी शुरू हो जाती है यानी कि निमोनिया हो सकता है वृद्ध व्यक्ति के लिए तो यह जानलेवा भी हो सकता है

कूलहे ( Hip ) फ्रैक्चर हो जाए तो क्या करें

यदि गिरने के बाद किसी व्यक्ति को कूलहे  के आस पास तेज दर्द हो  या वह खड़ा न हो पाए / चल ना पाएं , तो फ़ौरन उसे अपने आस पास के  अस्थि शल्य विशेषज्ञ ( आरथोप्डिक सर्जन ) के पास ले जाएं और कूल्हे का एक्सरे करावायें

यदि कोई छोटा मोटा  फ्रैक्चर है तो डॉक्टर आपको  घर पर थोड़ा आराम करने की सलाह दे देंगे ।

यदि  कूल्हे की हड्डी का पूरा फ्रैक्चर हुआ है तो आपको अस्पताल में दाख़िल होने की आवश्यकता होगी और इसमें देर नहीं करनी चाहि इसमें अक्सर ऑपरेशन करने की आवश्यकता पड़ती है

यदि कूल्हे की हड्डी की बॉल यानी उसका गोला टूट जाए तो उसे बदलना पड़ता है यानी की  हिप रिप्लेसमेंट करना पड़ता है एक अन्य प्रकार के फ्रैक्चर में कूलहे की हड्डी के बाहर के भाग के दो या दो से ज़्यादा टुकड़े हो जाते हैं जिससे इंटरटरोक्नटरिक फ्रैक्चर ( inter trochentric fracture) कहते  हैं । इस तरह के फ्रैक्चर को एक विशेष प्रकार की  प्लेट या विशेष प्रकार के नेल से जोड़ा जाना ज़रूरी है

याद रहे वृद्ध अवस्था में लोग ऑपरेशन करवाने से बहुत डरते हैं और कई बार डॉक्टर की बात नहीं मानते हैं और अक्सर ये कहते हैं की टाँग में कुछ खींच लगाकर कुछ महीने के लिए बिस्तर में रख दीजिये और हड्डी को अपने आप जुड़ने दीजिये आज से 40पचास वर्ष पूर्व इस प्रकार से इलाज किया जाता था लेकिन आज की तारीख़ में इस प्रकार का इलाज बिलकुल मानय नहीं । हमारी कोशिश यही रहती है कि ऑपरेशन करके  वृद्ध व्यक्ति जल्दी से जल्दी बिस्तर से  बाहर आने में सक्षम  हो जाए  तांकि वह जल्दी से जल्दी किसी मदद के साथ चल सकें ऐसा करने से बेड सोर , थरोमबोसिस और  न्यूमोनिया जैसी घातक विषमताओं से बचा जा सकता है

कई वृद्ध व्यक्तियों में अन्य बीमारियां भी होती है जैसे डायबीटीज़ , दिल की बीमारी , साँस की बीमारी इत्यादी । फ़िज़िशियन की मदद से इन सब को जल्द से जल्द कंट्रोल करके अच्छी स्थिति में लाने की कोशिश की जाती है  तांकि  यदि वृद्ध व्यक्ति को ऑपरेशन की आवश्यकता है  , तो उसे जल्द किया जा सके । क्योंकि जितने दिन वृद्ध व्यक्ति बिस्तर में पड़े रहेंगे उतनी ही ज़्यादा उनको ठीक होने में दिक़्क़त आने की संभावना रहती है

करोना के दौर में भी क्या ऑपरेशन करना आवश्यक है

हम जानते हैं कि करोना का इन्फेक्शन उन लोगों में ज़्यादा घातक सिद्ध हो सकता है जिनमें और भी बीमारिया है या जो व्यक्ति बिस्तर पर पड़ जाए और चल फिर ना सके । न चल फिर सकने के कारण  और विषमताओं के अलावा व्यक्ति की इम्युनिटी भी कम हो जाती है और वे बाक़ी बीमारियों से लडने में कम सक्षम हो सकते हैं जैसा मैंने पहले भी कहा जीवन का नाम चलना है और चलना ही जीवन है ।
इसके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता विशेषकर वृद्धावस्था में।

कूलहे के ऑपरेशन के बाद कुछ विशेष ध्यान

कूलहे के ऑपरेशन के बाद कुछ विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है जैसे की डॉक्टर की सलाह लेकर खून को पतला करने की दवाई लेना , टांगों एवं छाती का व्यायाम करना , वॉकर के साथ फिजियोथैरेपी की मदद लेते हुए चलना । ऑपरेशन वाली टांग पर कितना वज़न डालना है , ये डॉक्टर आपको बता देंगे ।

यह इस पर निर्भर करेगा कि किस प्रकार का ऑपरेशन किया गया है और किस प्रकार का फ्रैक्चर था यदि व्यक्ति को ऑस्टियोपोरोसिस था जिसकी वजह से ये फ्रैक्चर हुआ तो उसका इलाज भी साथ साथ शुरू करना ज़रूरी है और यदि विटामिन D की कमी थी तो उसको भी पूरा करना चाहिए यदि किसी अन्य बीमारी ( केंसर  इत्यादि) के कारण हड्डी कमज़ोर हो गई थी तो आपके डॉक्टर आपको बता देंगे और उसका इलाज  साथ के साथ शुरू करना आवश्यक है

सार

वृद्धावस्था में  कूलहे का फ्रैक्चर एक गंभीर समस्या हो सकती है और यदि इसका इलाज तुरंत न किया जाए तो कई बार यह जानलेवा भी हो सकती है कूलहे  के आस पास के फ्रैक्चर का शक हो तो डॉक्टर को मिलने में देर न करें । यदि डॉक्टर आपको इसकी ऑपरेशन की सलाह दें तो डरें मत , क्योंकि ये बहुत ज़रूरी है कि वृद्ध व्यक्ति को बिस्तर में ज़्यादा देर न रहने दिया जाए और वे जल्दी से जल्दी चलना आरंभ कर दें ताकि बाक़ी कामपलीरेशन  अथवा भयानक जटिलताओं से बचा जा सके ।

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